


अब आपका भविष्य,आपके हाथों
अब देखेगी
दुनिया तमाशा
खेल दिखाएंगे हम वहाँ
2 जुलाई बाद जाएगे दिल्ली
राजधानी कहते जिसे यहाँ।।
द्रष्टि रखना अपनी माता
द्रष्टि देवी रखेगी अपनी वहाँ
जीवन सार्थक हमे हैं करना
अनुमति मिल चुकी हमे यहाँ।।
दिए स्वप्न में दर्शन आपने
हमारी मन्नत पूरी हुई यहाँ
खुद की नज़रो जीवित हुए हम
खुद की नज़रो ही थे गिरे हुए यहाँ।।
बहुत उपकार किया माता आपने
पुनर्जन्म हमे हैं दिया यहाँ
जीवन सफल
अब होगा हमारा
अपने लक्ष्य भेदेगें हम यहाँ।।
नतमस्तक हैं हम दिल से आज
कसम देवी की खाते यहाँ
बहुत प्रसन्न मन
प्रफुल्लित हमारा
लिखित शब्दो वर्णन कर रहे यहाँ।।
प्राण दान दिया हमे आपने
माफ आपने हमे किया यहॉ
ओर द्रष्टि रख रहे
आप स्वर्ग से
इसका भी प्रमाण दिया यहॉ।।
कसम आपकी कोख की खाते
इक दिन गर्वित करेगे आपको यहाँ
देख स्वर्ग से मुस्काना आप
राष्ट्रीय कर्ज उतारेंगे
हम यहॉ।।
फिट दिमाग मे गणित हमारे
इंतजार अनुमति का था यहॉ
माँ वैष्णो देवी का लेंगे आश्रीवाद
फिर जंग लड़ेंगे हम यहाँ।।
बहुत बहुत धन्यवाद माँ
आप बहुत अच्छे थे,
बहुत अच्छे हो
बहुत अच्छे रहोगे।।
ThenkS
हर पल दिल के करीब हो आप,माँ सँग देवी सुने यहाँ, दिल से दिल है जुड़े हमारे,कोई अलग ना कर सके यहाँ।।
रामायण…‘रा’ का अर्थ है प्रकाश, ‘मा’ का अर्थ है मेरे भीतर, यानी रामा का अर्थ है मेरे भीतर का प्रकाश। दशरथ और कौसल्या ने राम का जन्म दिया। दशरथ का अर्थ है 10 रथ। दस रथ 5 इन्द्रिय अंगों (ज्ञानेंद्रिय) और 5 क्रिया अंगों (कर्मेन्द्रिय) के प्रतीक हैं। कौशल्या का अर्थ है कौशल। 10 रथों […]
रामायण
रामायण…
‘रा’ का अर्थ है प्रकाश, ‘मा’ का अर्थ है मेरे भीतर, यानी रामा का अर्थ है मेरे भीतर का प्रकाश। दशरथ और कौसल्या ने राम का जन्म दिया। दशरथ का अर्थ है 10 रथ। दस रथ 5 इन्द्रिय अंगों (ज्ञानेंद्रिय) और 5 क्रिया अंगों (कर्मेन्द्रिय) के प्रतीक हैं। कौशल्या का अर्थ है कौशल। 10 रथों का कुशल सवार राम को जन्म दे सकता है। राम का जन्म अयोध्या में हुआ था। अयोध्या का मतलब एक ऐसी जगह है जहां कोई युद्ध नहीं हो सकता है। जब हमारे मन में कोई संघर्ष नहीं है, तो चमक आरंभ हो सकती है।
रामायण का एक दार्शनिक,आध्यात्मिक महत्व और एक गहरा सत्य है।कहा जाता है कि रामायण हमारे ही अंदर हो रही है। हमारी आत्मा राम है, हमारा मन सीता है। हमारी सांस या जीवन-शक्ति हनुमान है।हमारी जागरूकता लक्ष्मण है और हमारा अहंकार रावण है। जब मन (सीता), अहंकार (रावण) द्वारा चुराया जाता है, तब आत्मा (राम) बेचैन हो जाती है।
अब आत्मा (राम) अपने आप ही मन (सीता) तक नहीं पहुँच सकती। इसे जागरूकता (लक्ष्मण) में रहकर जीवन-शक्ति (हनुमान) का सहारा लेना होगा। जीवन-शक्ति (हनुमान) और जागरूकता (लक्ष्मण) की मदद से, मन (सीता) आत्मा (राम) के साथ फिर से मिल गया, और अहंकार (रावण) मिट गया
2:45 am
जीवन धन्य होने लगा हमारा, घूम कल्पना सहारे लगे यहाँ, सटीक कल्पना शक्ति जागृत होने लगा अहसास यहाँ।।
आप धन्य हैं देवी, 🙏
कलम थमाई, ब्रांड दिया, दिया जीवन को लक्ष्य यहाँ,समर्पित जीवन की हार्दिक इच्छा हमारी,राह दिखला दी हमे यहाँ।।
माँ स्वप्न में आई मित्र के, बोली उनसे माँ वहाँ, कर्म ना छोड़े पुत्र हमारा, पुनः कर्म करे वो धरा यहाँ।।
हुआ अचरज पर मिली खुशी, माँ स्वर्ग से द्रष्टि रख रही यहाँ, आदेश माँ का सर आँखों हमारे अब कर्म ना छुटे कभी यह यहाँ।।
माँ जननी माता हमारी, विनती सुनलो आप यहाँ,
पुत्र पुकारे धरा आपको, शब्दो लिखित माफी माँग रहे हम यहॉ।।
शेष जल्द…
हाथ जोड़ कर कर रहे निवेदन
हम भी संतान आपकी हैं यहाँ
पर आप निहार सको हमें यहाँ।।
माना आबादी हैं ज्यादा देश की
05
हमें भिजवाओ आप वहाँ पर
है समाधान हमारे पास यहाँ
दोनो पक्षो की हैं भलाई
भलाई देश की छुपी हैं यहाँ।।
04
जंग छिड़ी हैं वहाँ पर
हाताश किसान हो रहे वहां
सरकार हो चुकी हैं लाचार हैं
ना आगे बढे ना पीछे हटे वहाँ।।
03