Author Archives: harish harplani
माँ आप धन्य हो माँ
माँ स्वप्न में आई मित्र के, बोली उनसे माँ वहाँ, कर्म ना छोड़े पुत्र हमारा, पुनः कर्म करे वो धरा यहाँ।। हुआ अचरज पर मिली खुशी, माँ स्वर्ग से द्रष्टि रख रही यहाँ, आदेश माँ का सर आँखों हमारे अब कर्म ना छुटे कभी यह यहाँ।।
माँ 💐,,,अध्बुध प्रायश्चित
माँ जननी माता हमारी, विनती सुनलो आप यहाँ,पुत्र पुकारे धरा आपको, शब्दो लिखित माफी माँग रहे हम यहॉ।। https://youtube.com/channel/UCY66t4odXCNBaEEZf1xxHQA
विनती माँ से
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शेष जल्द…
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हाथ जोड़ कर कर रहे निवेदन हम भी संतान आपकी हैं यहाँ पर आप निहार सको हमें यहाँ।। माना आबादी हैं ज्यादा देश की 05
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हमें भिजवाओ आप वहाँ पर है समाधान हमारे पास यहाँ दोनो पक्षो की हैं भलाई भलाई देश की छुपी हैं यहाँ।। 04
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जंग छिड़ी हैं वहाँ पर हाताश किसान हो रहे वहां सरकार हो चुकी हैं लाचार हैं ना आगे बढे ना पीछे हटे वहाँ।। 03
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माँ भारत विनती
I’m using Flyer Maker! Get the free app at http://play.google.com/store/apps/details?id=com.bg.flyermaker देवी वक़्त सब सीखा देता हैं जैसा समय,वैसी बुद्धि संकल्पित इंसान की तो भगवान भी खुद मदद करने आते है।। आएगे देवी जरूर आएगे हमारे भगवान भी जरूर आएगे न्याय के प्रति संकल्पित कलम अपने शब्दों से भगवान को उतार लाएंगे।। फागन से कोशिश करपढ़ना जारी रखें
Demo आत्मनिर्भर भारत का
Boom!
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आजीवन बनाए रखना दृष्टिजागे भाग्य हमारे धरा यहाँबहुत आभारी रहेगे आपकेचाहते आजीवन दृष्टिआप रखो यहाँ।। धन्यवाद।।
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धन्य हैं देवी दृष्टि आपकीहमारा जीवन सफल किया यहाँमाना आज नही कल दिखे धरापर दिखेगा जरूर अब यहाँ।।
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दुनिया के पहले इंसान बने हमफिर चमत्कार किया अध्बुध यहाँहमारी माँतेरह दिवस तक हमारे साथ रहीशब्दो बदौलत हमारे साथ रही यहाँ।।
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यही अंतिम निवेदन हमारायही अरदास थी हमारी यहांयही अंतिम थी विदाई आपकीचाहो तो जाओ,चाहो तो रुको यहां।।
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होगी जो देखी जाएगी माता हमारीहम गलत कभी ना लिखे यहाँदो सजा दो या दो अनुमतिसब आप पर निर्भरहैं यहाँ।।
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इंतजार कर रहे हैं घर अपने01/04/2021तारीख़ तक है यहाँदर्शन दो या प्रेत योनि दोआज्ञा सर आंखों रखेगे यहाँ।।
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जन्म आपने दिया था माँता हमकोदोनो बाते लिखित कह दी यहाँजैसा चाहो हम जिएंगे वैसायही अंतिम विदाई थी आपकी यहाँ।।
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दर्शन पाकर ही जाएगे दिल्लीफिर समय खोएंगे ना कभी यहाँना दोगे दर्शन तो ना जाएगे दिल्लीमर कर भटकेंगे प्रेत योनि में सदा यहाँ।।
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इंतज़ार करेगे हम आपकाहैं माता विनती सुनलो यहाँहो सेवा से सन्तुष्ट अगर तोदेना दर्शन हमको आप यहाँ।।
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हैं तैयार हैं हम रहे तत्त्पर सदैवहर सजा को हैं तैयार सदाजैसा कर्म वैसा फल मिलेमिले आज नही तो कल धरा यहाँ।।
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भूल चुक हमसे बहुत हुईहो नाराज तो सजा देना यहाँइसी जन्म का इसी जन्म में भोगेना चाहते कोई उधार हम पर चढ़े यहाँ।।
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कर्ज उतारना चाहते माँ काचढ़ा विदेशी कर्ज हैं बहुत यहाँअहसास तलक नही किसी कोहमारे दिमाग मे गणित हैं फिट यहाँ।।
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भारत माता से भी करेगे निवेदनमाँ पर अधिकार हमारा हैं यहाँपुत्र उनके पुत्र है हम आपकेचाहते राष्ट्रीय पुत्र हम बने यहाँ।।
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नेक कर्म जो कभी, किया अगर होया कभी दिल से सेवा लगी हो यहाँतो देना आशीष,हम दिल्ली पहुचेवही रहे, कमाए,खाए, लिखे वहाँ।।
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संकल्प सिद्ध हैं करना हमेजीना,समर्पित जीवन हैं यहाँसमर्पण में अर्पण करे जीवनदो माँ दर्शन दो हमेहम जाना चाहते हैं वहाँ।।
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कर्म भूमि दिल्ली बनाए अपनीहमे दिल्ली में मिले स्थान वहाँवही लिखे,वही कमाए खाए हमवही से,दिल से दिल जोड़े यहाँ।।
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अंतिम विदाई अंतिम अरदासअंतिम इच्छा हमारी है यहाँमाँ हो आप जननी हमारीहमारी इच्छा पूर्ण कर दो यहाँ।